गुरुवार, 26 सितंबर 2019

पुस्तक चर्चा :कथा-पटकथा: एक नया क्षितिज- प्रदीप श्रीवास्तव



कथा-पटकथा: एक नया क्षितिज
प्रदीप श्रीवास्तव
कथा-पटकथा पुस्तक हिंदी में पटकथा लेखन को एक नया आयाम प्रदान करती है। हिंदी साहित्य की  प्रख्यात लेखिका मन्नू भंडारी ने अपनी इस कृति में विभिन्न भारतीय भाषाओं की पांच उत्कृष्ट कहानियों महादेवी वर्मा के दो बहुचर्चित संस्मरणों भाभी, घीसा एवं अपने जमाने के लोकप्रिय धारावाहिक रजनी की पटकथा प्रस्तुत की है। साथ में कहानी एवं संस्मरण मूल रूप में भी संकलित हैं। इन रचनाओं की पटकथा लिखते समय मन्नू भंडारी ने आवश्यकतानुसार मूल कथा में संशोधन भी किया है कुछ नया जोड़ा भी है। लेकिन मूल कथा के मर्म या निहितार्थ में कोई बदलाव आने पाए इसका पूरा एहतियात बरता है। पुस्तक की भूमिका में तमिल कहानी बंधुआ दलिद्दर का उदाहरण देते हुए वह कहती हैं कि कहानी की मूल संवेदना का प्रमुख बिंदु कहीं भी गौण होने पाए, इसी को ध्यान में रखकर मैंने घटनाओं में थोड़ा उलट फेर तो किया है पर इस तरह कि कहानी के दोनों बिंदु साथ-साथ चल कर पूरी तरह उभर सकें। पुस्तक में मूल रचनाएं संकलित होने के कारण पाठकों को इसमें मूल कथा एवं पटकथा दोनों  को पढ़ने का आनंद फर्क़ देखने को मिलता है। सहज प्रभावपूर्ण भाषा शैली में लिखी गईं यह पटकथाएं मूल रचनाओं को भी एक नया अर्थ देती हैं। अभिव्यक्ति को नया क्षितिज प्रदान करती हैं। हिंदी साहित्य में पटकथा लेखन की पंरपरा पश्चिमी पटकथा लेखन की तरह बहुत लंबी तो नहीं है। लेकिन कथा-पटकथा जैसी रचनाएँ उसे समृद्ध अवश्य कर रही हैं। आज जब धारावाहिक बड़े पैमाने पर बन रहे हैं तो पटकथा लेखन कॅरियर का एक नया संसार रच रहा है और प्रतिभावान पटकथा लेखकों के लिए कथा-पटकथा जैसी रचनाएं किसी अनुकरणीय उदाहरण से कम नहीं।

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